अमिताभ बच्चन ने अपनी कंपनी खोली abcl, और अपनी कंपनी के द्वारा फ़िल्म बनाने की घोषणा की। और कहा गया कि हम देश भर से युवा चेहरों को चुन कर अपनी फ़िल्म में मौका देंगे, अखबारों में पूरे पेज़ का विज्ञापन दिया गया था, फार्म जारी किया गया था और फीस रखी गई थी 1000 या शायद 500 ठीक से याद नहीं है लेकिन इन्हीं दोनो में से कोई एक रकम थी, जो उस समय के हिसाब से नौजवान युवाओं के लिए एक बड़ी रकम थी।90 के दशक में अभिताभ बच्चन आज से भी बड़ा नाम था या ये मान लीजिए कि बच्चन साहब आज भी 1975 से 1995 की लोकप्रियता के दम पर ही 2024 में भी कामयाब हैं।
बच्चन साहब के नाम पर देश भर से दसियो लाख युवाओं ने फार्म भरा और फीस दी और इस उम्मीद में थे कि उनका स्क्रीन टेस्ट होगा। एक बात स्पष्ट कर दू कि मैं उनमें से नहीं था🤓🤓 क्योंकि मुझे अपने थोबड़े की हकीकत मालूम थीं और इसी वजह से आज भी dp नहीं लगाता हूं 😟😟।
और एक दिन अचानक abcl ने फिल्म ' तेरे मेरे सपने' की घोषणा कर दी और बताया कि फिल्म के लिए अरसद वारसी और चन्द्रचुड़ सिंह को चुना गया है, मेरे कई दोस्तों ने फार्म भरा था उन्हें किसी प्रकार का कोई बुलावा स्क्रीन टेस्ट के लिए नहीं आया था। ख़ैर फिल्म तो हिट हो गई उसी फिल्म का गाना हाल ही में रीमिक्स हो कर आया था' लड़की आंख मारे' फिल्म सिम्बा में।
देश के नौजवानों ने इतनी आह भरी की abcl डूब गई और बच्चन साहब बड़े कर्ज में आ गए और कर्ज से निकलने में दुर्दशा हो गई थी।
इस पूरी कहानी का मोराल यह है कि अगर आप का कद बहुत बड़ा हो और साधारण लोग सपने लेकर आप से जुड़े हो वहां बहुत सतर्क रहना चाहिए होशियारी नहीं दिखानी चाहिए वो आप का कुछ बिगाड़ तो नहीं पायेंगे लेकिन वो आप को आसमान से जमीन पर ला देंगे
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