रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ। वे टाटा परिवार के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं। उनके पिता, नवाल टाटा, और माता, सोनी टाटा, का बचपन में ही तलाक हो गया था, जिसके बाद रतन अपनी दादी, नवजोत टाटा, के साथ बड़े हुए।
रतन टाटा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में प्राप्त की और बाद में उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए। उन्होंने करनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से आर्किटेक्चर में डिग्री हासिल की और फिर हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
उनका जीवन संघर्ष और दृढ़ता से भरा रहा। उन्होंने टाटा समूह में काम करने की शुरुआत 1962 में की और धीरे-धीरे विभिन्न पदों पर अपनी पहचान बनाई। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने नई ऊँचाइयों को छुआ और कई महत्वपूर्ण व्यवसायों में कदम रखा।
रतन टाटा का आरंभिक जीवन उनके भविष्य के नेतृत्व और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को आकार देने में महत्वपूर्ण
रहा।
रतन टाटा के विचारों में कई प्रेरणादायक और शिक्षाप्रद बातें शामिल हैं। कुछ प्रमुख विचार निम्नलिखित हैं:
1. मानवता की सेवा: वे मानते हैं कि व्यवसाय का मुख्य उद्देश्य केवल लाभ कमाना नहीं, बल्कि समाज की भलाई के लिए काम करना भी है।
2. सकारात्मक परिवर्तन: रतन टाटा का मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति में बदलाव लाने की क्षमता होती है। छोटे-छोटे कदम भी बड़े परिवर्तन का कारण बन सकते हैं।
3. नैतिकता और ईमानदारी: उन्होंने हमेशा नैतिकता और ईमानदारी को अपने कार्य का मूलमंत्र माना है। उनके अनुसार, सफलता का असली अर्थ सही तरीके से काम करना है।
4. समर्पण और मेहनत: रतन टाटा का कहना है कि मेहनत और समर्पण से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने जीवन में कठिनाइयों का सामना करते हुए इसे अपनाया।
5. ज्ञान का महत्व: वे ज्ञान और शिक्षा को बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं। उनका मानना है कि निरंतर सीखना हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है।
ये विचार उनके जीवन और कार्यों में झलकते हैं, जो उन्हें एक प्रेरणादाय
क नेता बनाते हैं।
नमन
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