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भारतीय संविधान की अनुसूचीयां । वह उनके विषय

*♦️भारतीय संविधान की अनुसूचियां और उनके विषय....*

 ☑️भारतीय संविधान में 12 अनुसूचियां का  उल्लेख किया गया है

* *प्रथम अनुसूची...*
   *☛ विषय -* राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची

* *दूसरी अनुसूची...*
   *☛ विषय -* महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के प्रावधान

* *तीसरी अनुसूची...*
   *☛ विषय -* शपथ या प्रतिज्ञान के रूप

* *चौथी अनुसूची...*
   *☛ विषय -* राज्यों की परिषद में सीटों का आवंटन

* *पांचवीं अनुसूची...*
   *☛ विषय -* अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित 
        जनजातियों का प्रशासन

* *छठी अनुसूची...*
   *☛ विषय -* असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम 
         राज्यों में जनजातीय क्षेत्रों का प्रशासन
                    
* *सातवीं अनुसूची...*
   *☛ विषय -* संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची

* *आठवीं अनुसूची...*
   *☛ विषय -* मान्यता प्राप्त भाषाओं की सूची

* *नौवीं अनुसूची...*
   *☛ विषय -* कुछ अधिनियमों और विनियमों की 
        मान्यता

* *दसवीं अनुसूची...*
   *☛ विषय -* दल-बदल के आधार पर अयोग्यता

* *ग्यारहवीं अनुसूची...*
   *☛ विषय -* पंचायतों की शक्तियां, अधिकार और 
        उत्तरदायित्व

* *बारहवीं अनुसूची...* 
   *☛ विषय -* नगरपालिकाओं की शक्तियां, अधिकार 
        और उत्तरदायित्व

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क्रिकेट के 10 अनोखे किस्से । Top 10 intrested facts in cricket history

🏏
यहाँ क्रिकेट के कुछ अनसुने और दिलचस्प किस्से दिए गए हैं:

1. रिचर्ड हेडली का रिकॉर्ड : ➡️रिचर्ड हेडली ने 1985 में एक ही मैच में 9 विकेट लेकर भारत के खिलाफ अपना नाम इतिहास में दर्ज कराया। यह उपलब्धि अब तक की सबसे प्रभावशाली मानी जाती है।😱


2. नवजोत सिद्धू का बगीचा : ➡️नवजोत सिद्धू ने एक बार मैच के दौरान एक गेंदबाज को छक्का मारने के बाद मजाक में कहा कि उन्होंने गेंद को अपने बगीचे में भेजा है।
😃😃


3. सचिन का जादू : ➡️1998 में सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टेस्ट मैच में 3 शतकों का कारनामा किया, जिससे उन्होंने अपने कौशल का लोहा मनवाया।


4. दक्षिण अफ्रीका का ऐतिहासिक वापसी: 1992 में विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका ने बारिश के कारण एक मैच में 22 रन से जीतने के लिए 13 गेंदों में 22 रन बनाने का रिकॉर्ड बनाया।


5. युवराज की 6 छक्के: युवराज सिंह ने 2007 में टी20 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ एक ओवर में 6 छक्के मारे, जो आज भी याद किया जाता है।


6. मोहम्मद अज़हरुद्दीन का अनोखा शतक: अज़हर ने 1990 में इंग्लैंड के खिलाफ 3 अलग-अलग शतकों में लगातार 3 पचास से अधिक रन बनाए।


7. बच्चन का क्रिकेट प्रेम: अमिताभ बच्चन क्रिकेट के बड़े प्रशंसक हैं और उन्होंने कई बार भारतीय टीम का समर्थन किया है, यहां तक कि खुद भी खेल चुके हैं।


8. कपिल देव का चमत्कार: 1983 में भारत ने विश्व कप जीतने के लिए 183 रन का लक्ष्य पूरा किया, जिसे तब तक किसी ने भी नहीं सोचा था।


9. फील्डिंग में इम्प्रोवाइजेशन: 1996 में विश्व कप के दौरान, फील्डिंग के दौरान एक खिलाड़ी ने गेंद को हवा में पकड़ने के लिए अनोखा तरीका अपनाया, जिससे वह प्रसिद्ध हो गया।


10. बोर्ड की अनोखी बैठक: 2000 में जब भारत ने मैच फिक्सिंग स्कैंडल का सामना किया, तो बोर्ड की बैठक में कई प्रमुख खिलाड़ियों ने खुद को अलग रखा।



ये किस्से क्रिकेट की रोमांचक और विविधतापूर्ण दुनिया को दर्शाते हैं।


रतन टाटा का परिचय

 



रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ। वे टाटा परिवार के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं। उनके पिता, नवाल टाटा, और माता, सोनी टाटा, का बचपन में ही तलाक हो गया था, जिसके बाद रतन अपनी दादी, नवजोत टाटा, के साथ बड़े हुए।


रतन टाटा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में प्राप्त की और बाद में उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए। उन्होंने करनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से आर्किटेक्चर में डिग्री हासिल की और फिर हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।


उनका जीवन संघर्ष और दृढ़ता से भरा रहा। उन्होंने टाटा समूह में काम करने की शुरुआत 1962 में की और धीरे-धीरे विभिन्न पदों पर अपनी पहचान बनाई। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने नई ऊँचाइयों को छुआ और कई महत्वपूर्ण व्यवसायों में कदम रखा।


रतन टाटा का आरंभिक जीवन उनके भविष्य के नेतृत्व और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को आकार देने में महत्वपूर्ण

 रहा।

रतन टाटा के विचारों में कई प्रेरणादायक और शिक्षाप्रद बातें शामिल हैं। कुछ प्रमुख विचार निम्नलिखित हैं:


1. मानवता की सेवा: वे मानते हैं कि व्यवसाय का मुख्य उद्देश्य केवल लाभ कमाना नहीं, बल्कि समाज की भलाई के लिए काम करना भी है।



2. सकारात्मक परिवर्तन: रतन टाटा का मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति में बदलाव लाने की क्षमता होती है। छोटे-छोटे कदम भी बड़े परिवर्तन का कारण बन सकते हैं।



3. नैतिकता और ईमानदारी: उन्होंने हमेशा नैतिकता और ईमानदारी को अपने कार्य का मूलमंत्र माना है। उनके अनुसार, सफलता का असली अर्थ सही तरीके से काम करना है।



4. समर्पण और मेहनत: रतन टाटा का कहना है कि मेहनत और समर्पण से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने जीवन में कठिनाइयों का सामना करते हुए इसे अपनाया।



5. ज्ञान का महत्व: वे ज्ञान और शिक्षा को बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं। उनका मानना है कि निरंतर सीखना हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है।




ये विचार उनके जीवन और कार्यों में झलकते हैं, जो उन्हें एक प्रेरणादाय

क नेता बनाते हैं।



में गंगा नदी बोल रही हूं। गंगा नदी

 

 Ganga Rever 



गंगा के दाएं तट की पहली नदी यमुना नदी है इसका उद्गम यमुनोत्री हिमन्द से होता है इसकी लंबाई तहरासो छियेतर किलोमीटर है यमुना नदी गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी है प्रयागराज के निकट गंगा में मिलती है दिल्ली इटावा माथुर आदि शहर इसके किनारे स्थित है यमुना की कुछ सहायक नदियां भी है ।चंबल नदी, सिंध नदी, बेतवा नदी, और केन नदी

यमुना नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी चंबल नदी है इसका उद्गम जमा पाव की पहाड़ी मध्य प्रदेश से होता है यह नदी सर्वाधिक उत्थान भूमि का निर्माण करती है इस पर बने बांध राणा प्रताप सागर बांध कोटा बैराज गांधी सागर बांध जवाहर सागर बांध आदि है।

गंगा की दूसरी दाएं तरफ की नदी सिंध नदी है इसका उद्गम मध्य प्रदेश के विदेसा जिले में होता है 

गंगा के दाएं तट की तीसरी नदी बेतवा नदी है इसका उद्गम विंध्याचल पर्वत श्रृंखला से होता है इस पर बना बांध माता टीला बांध है

 गंगा की चौथी दाएं तरफ की सहायक नदी केन नदी है इसका उद्गम मध्य प्रदेश के मैसूर पहाड़ियों से होता है इस पर बना बांध हिंडन हुए गाजियाबांध है 

गंगा के दाएं तरफ की पांचवी सहायक नदी सोन नदी है इस नदी का उद्गम अमर कटक की पहाड़ी सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला से होता है इसकी सहायक नदी रिहंद नदी है रिहंद नदी पर रिहंद बांध भी बना हुआ है यह नदी दानपुरा बिहार में गंगा में मिलती है इसके किनारे गोविंद बल्लभ सागर झील भी स्थित है जो कि मानव निर्मित है 

फरका बांध के बाद गंगा नदी दो धारा में विभाजित हो जाती है जिसे हुगली नदी वह भागीरथी के नाम से जाना जाता है बांग्लादेश में गंगा नदी को पद्मा नाम से जाना जाता है गंगा नदी वह ब्रह्मपुत्र नदी सुंदरवन का डेल्टा बनाती है जो कि विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा है इसके बाद गंगा नदी में ब्रह्मपुत्र नदी की संयुक्त धारा को मेघना के नाम से जाना जाता है

दोस्तों में आशा करती हूं कि आपको गंगा नदी के बारे में सारी जानकारी बहुत ही अच्छी तरह समझ आ चुकी होगी यदि हमारी यह जानकारी अच्छी लगी हो

अभिनेता और अभिनेत्री के बीच चुम्बन सीन कैसे शूट किया जाता है?


मैं कोई अभिनेता नहीं हूँ पर इस बारे में मैंने काफी रिसर्च किया तो मुझे पता चला की वर्तमान फिल्मों में जो चुम्बन सीन लिए जा रहें हैं वो सभी असली हैं।

जैसे की ये वाली सीन -


पर कुछ लोग होंगे जो इस बात पर विश्वास नहीं करेंगे। तो आइए मैं आपको एक्सप्लेन करके समझाता हूँ। शायद आपको मेरी बात समझ आ सके।

पुराने समय में

पुराने समय में जब चुम्बन सीन होता था तो पीछे से अभिनेता और अभिनेत्री के सर आप पास आते थे और फिर दो गुलाब के फूलों को आपस में चुम्बन करा दिया जाता था।


फिर थोड़ा आगे

फिर जब बॉलीवुड थोड़ा आगे बढ़ा तो अभिनेता और अभिनेत्रियों के लिए थोड़ा कठिन होने लगा।

क्योंकि उन्हें अब इस प्रकार से चुम्बन करना पड़ता था।


इस सीन में अभिनेता या अभिनेत्री के पीछे से कैमरा ले जाकर शूट होता था और वे दोनों बस अपने सर ऐसे हिलाते थे जैसे चुम्बन कर रहें हो।

थोड़ा और आगे

कई अभिनेत्रियों ने बताया कि कभी कभी अभिनेता मज़े लेने के लिए बार बार रिटेक लेता है इसलिए kissing सीन करने के लिए जल्दी वें राजी नहीं होतीं है।


इस प्रकार के चुम्बन सीन आप अभी भी कई फिल्मों में देखते होंगे।

यहाँ अभिनेता और अभिनेत्री के बीच एक पतला और एक दम साफ़ सीसा होता है जो कैमेरे में नहीं आता। और वे बस एक दूसरे के लिप पर kiss करके वापस आ जातें है।

पर अब ऐसा नहीं होता।


इस तरह के चुम्बन सीन किसी भी टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके नहीं लिए जा सकते। ऐसे सीन असली होते हैं।

हाँ कभी कभी ऐसा होता है कि अभिनेता या अभिनेत्री ऊपर से रबर की एक पतली लेयर पहने रहते हैं इस से ऐसा लगता है कि वे नग्न है और वे असल में नग्न नहीं रहते।

पर चुम्बन तो असली ही रहता है और चुम्बन सीन करने से पहले उन्हें कम से कम एक बार तो प्रैक्टिस करना होता है और उसके बाद असली शूटिंग होता है।

क्या राहुल गांधी की हरकतें संकेत करती हैं कि अमेरिका बीजेपी सरकार को हटाकर कांग्रेस को लाने की साजिश कर रहा है

क्या राहुल गांधी की हरकतें संकेत करती हैं कि अमेरिका बीजेपी सरकार को हटाकर कांग्रेस को लाने की साजिश कर रहा है
बीजेपी को हटाने के लिए भारत और भारत की जनता ही सक्षम है। बीजेपी को हटाने के लिए अमेरिका की अवश्यकता नहीं है। बस हिंदू जगाने के नाम पर बीजेपी ने देश को जो मूर्ख बनाया है उसे भर यहां के जवानों को समझना है। एक झटके ने भारतीय जनता बीजेपी को निकल फेकेगी। बीजेपी के सत्ता में आने के पीछे बीजेपी की शक्ति नहीं है वो आई सत्ता में कांग्रेस की कमजोरी के कारण। जिस प्रकार महाभारत में गंगापुत्र भीष्म को मारने के लिए सिखंडी का स्तेमाल किया गया उसी प्रकार अन्ना हजारे का उपयोग राजनैतिक और कुटनिक तौर पर ऐसे किया गया की कांग्रेस के भीष्म पितामह सब चित्त हो गए। वर्तमान कहानी अभिमन्यु के लिए जिस प्रकार चक्रव्यू रची गई थी उसी प्रकार राहुल गांधी जी के लिए चक्रब्यू रची जा रही है। लेकिन यह कलियुग की महाभारत है इसमें धर्म और अधर्म की लड़ाई में धर्म की जीत होगी। राहुल गांधी जी सभी प्रकार के चक्रब्यु को भेदकर निकल जाएंगे क्योंकि वे सत्यवादी हैं ,और मोदी झूठ बोलने की मशीन है। अमेरिका कभी भी छोटी मोटी बात में ह्तक्षेप करके अपना नाम खराब नहीं करेगा। चांद, मंगल, ग्रह, नक्षत्र, नासा, वैज्ञानिक अनुसंधान, खोज, अटेमिक पॉवर, बायोलॉजिकल व्रेपन, आदि में अमेरिका उंगली डाल सकता है, एक टुच्चा सा आदमी को वो भी दूसरे देश का, उसे हटाकर अपना हाथ गंदा कभी नहीं करेगा।

ज्यादा दिन नहीं जाएगा, जल्दी ही मोदी सरकार खत्म हो जाएगी, अगर बीजेपी सता कुर्सी नहीं छोड़ी तो देश के पीड़ित लोग, बेरोजगार लोग बांग्लादेश की तरह कर देंगे , और हो सकता है की दोनो टकले नेपाल में शरणार्थी बनकर भाग जाएं। वर्तमान में देश तबाही के दौर से गुजर रहा है, वैश्विक पटल पर देश की स्तिथि बहुत नाजुक और संवेदनशील है। सारे मुसलमान, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध, आदिवासी और नास्तिक समेत सभी अल्पसंख्यकों का समूह सरकार के राजनैतिक शिकार हुए हैं। अंदर से आग सबको लगी है, सबसे ज्यादा आग हम हिंदुओं को लगी है,लेकिन धर्म का और मीडिया का स्तेमाल जिस चालाकी से वो कर रहे हैं उसके कारण कुछ समय के लिए स्तिथि टली है लेकिन ज्यादा समय तक बीजेपी का स्वांग नहीं चलेगा। पहला लाठी बीजेपी के खिलाफ हिंदू ही उठाएगा और धर्मी के नाम पर मार काट करवाने वाली पार्टियों को उखाड़ने के लिए आह्वान करेगा , सभी धर्म के लोग मिलकर बीजेपी को सत्ता से ही नहीं देश से भी माफीबिर की विचार धारा को तिलांजलि दे देंगे। अर्थी बन चुकी है बस आखरी मंत्रोचार अर्थात घोषणा की जरूरत है। भाजपा जा रही है वो भी बिना अमेरिका के।
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